Papers by Mohd Kamaal Ali
The International Journal of Indian Psychology, Aug 6, 2024
Every psychologist is dedicated to improving the mental health of people around them. As a signif... more Every psychologist is dedicated to improving the mental health of people around them. As a significant amount of an individual’s time is spent at work, their profession can impact their mental health. The purpose of this study was to compare the stress, anxiety, and depression levels of psychologists and other professionals to determine the role of occupation in an individual’s mental health. The study included 98 working participants, with 49 psychologists and 49 other professionals aged between 20 to 40 years, selected from various cities in India using the random sampling method. All participants completed the Depression Anxiety Stress Scale (DASS-21) questionnaire through Google Forms. The results indicated that there were no significant differences in stress, anxiety, and depression levels between the two groups, suggesting that occupation does not have a significant impact on an individual’s mental health. The study’s implications suggest that mental health interventions should focus on the individual’s circumstances rather than their profession.
The International Journal of Indian Psychology, 2022
In the present time, every human being has a different amount of stress, some have personal, and ... more In the present time, every human being has a different amount of stress, some have personal, and some have occupational. The present study aimed to discover the difference between occupational stress of government school teachers and private school teachers and find out the level of occupational stress in government school teachers and private school teachers. For study the cross-sectional method was used, forty female school teachers were selected randomly from various inter colleges of Bareilly city. The number of government school teachers and private school teachers kept the same. For measurement of occupational stress, the Hindi version of the occupational stress index by Srivastava and Singh (1984) was administered to all forty teachers. After the analysis, the result showed a moderate level of occupational stress in both groups and no significant difference in occupational stress between government school teachers and private school teachers. Thus, the study found the same level of occupational stress in government school teachers and private school teachers.
Shikshan Sanshodhan : Journal of Arts, Humanities and Social Sciences, 2022
मद्यपान के सेवन का चलन वर्तमान में सार्थक रूप से वृद्धि पर है, शराब का सेवन आर्थिक-सामाजिक स्थिति... more मद्यपान के सेवन का चलन वर्तमान में सार्थक रूप से वृद्धि पर है, शराब का सेवन आर्थिक-सामाजिक स्थिति के घोतक के रूप में सामने आ रहा है। जिसके चलते इसकी अतिशय भी बढ़ रही है जो हिंसा, अपराध, दुर्घटना एवं अन्य शारीरिक एवं मानसिक समस्याओं को जन्म देती है। मद्यपान से व्यक्ति के समायोजन एवं आक्रामकता पर पड़ने वाले प्रभावों को जानने के उद्देश्य से अध्ययन किया गया। अध्ययन में मद्यपान करने वाले एवं सामान्य व्यक्तियों के समायोजन एवं आक्रामकता की तुलना के लिए सर्वेक्षण अनुसंधान विधि को उपयोग मे लाया गया। अध्ययन में बरेली जिले के 50 मद्यपान करने वाले एवं 50 सामान्य व्यक्तियों (जिनमे 50 पुरुषों एवं 50 महिलाओं) को यादृच्छिक न्यादर्श विधि द्वारा चुना गया। दोनों समूहों पर कुमार की संशोधित समायोजन मापनी एवं माथुर और भटनागर की आक्रामकता मापनी का प्रशासन किया। दोनों समूहों से प्राप्त आंकड़ो का सांख्यिकीय विश्लेषण किया गया। जिसके लिए मध्यमान, मानक विचलन एवं टी-मान की गणना की गयी। गणना मे प्राप्त अकड़ो की व्याख्या कर परिणामो मे पाया कि, सामान्य व्यक्तियों कि अपेक्षा मद्यपान करने वाले व्यक्तियों का समायोजन सार्थक रूप से खराब पाया एवं उनमे आक्रामकता भी सार्थक रूप से अधिक देखी गई तथा दोनों समूहो के समायोजन एवं आक्रामकता पर उनके लिंग का कोई प्रभाव नही पाया।
Shikshan Sanshodhan : Journal of Arts, Humanities and Social Sciences, May 31, 2022
प्राचीन काल से वर्तमान काल तक उपचार के लिए औषधियों का उपयोग होता रहा है, जिससे व्यक्ति का औषधियों... more प्राचीन काल से वर्तमान काल तक उपचार के लिए औषधियों का उपयोग होता रहा है, जिससे व्यक्ति का औषधियों के संपर्क मे आना स्वाभाविक है। नियमित दीर्घ समय तक इन औषधियों का उपयोग यदि बिना किसी चिकित्सीय लाभ के किया जाये तो इनके प्रति निर्भरता उत्पन्न हो जाती है, इसे औषधि व्यसन कहते हैं। जिसके चलते व्यक्ति में अनेकों समस्याएँ उत्पन्न होने लगती हैं। औषध व्यसन से व्यक्ति के संवेगात्मक बुद्दि एवं समायोजन पर पड़ने वाले प्रभावों को जानने के लिए अध्ययन में सर्वेक्षण अनुसंधान विधि को उपयोग में लिया गया। शोध में बरेली जिले के 60 औषध व्यसन एवं 60 गैर औषध व्यसन व्यक्तियों को यादृच्छिकृत प्रतिचयन विधि द्वारा प्रतिदर्श के रूप मे चुना गया। जिनमे पुरुषों एवं महिलाओं की संख्या को समान रखा गया। दोनों समूहों पर मंगल एवं मंगल की संवेगात्मक बुद्धि मापनी एवं कुमार की संशोधित समायोजन मापनी का प्रशासन किया गया। प्राप्त आंकड़ो का सांख्यिकीय विश्लेषण एवं व्याख्या कर परिणामों मे पाया कि औषध व्यसन व्यक्तियों की संवेगात्मक बुद्धि का स्तर गैर औषध व्यसन व्यक्तियों से निम्न पाया एवं औषध व्यसन व्यक्तियों का समायोजन भी गैर औषध व्यसन व्यक्तियों की तुलना मे खराब पाया गया। साथ ही औषध व्यसन व्यक्तियों के संवेगात्मक बुद्धि एवं समायोजन पर उनके लिंग का कोई प्रभाव नहीं देखा गया।
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