सरस्वतीचन्द्र (धारावाहिक)
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सरस्वतीचन्द्र | |
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लेखक | वेद राज अभिजीत सिन्हा |
निर्देशक | अरविन्द बब्बल शरद पांडे मयंक गुप्ता हिमांशु सिंह अरशद खान |
अभिनीत | गौतम रोडे जेनिफर विंगेट |
मूल देश | भारत |
मूल भाषा(एँ) | हिन्दी |
एपिसोड की सं. | 444 |
उत्पादन | |
प्रसारण अवधि | 22 मिनट |
मूल प्रसारण | |
नेटवर्क | स्टार प्लस डीडी नेशनल |
प्रसारण | 25 फ़रवरी 2013 – 20 सितम्बर 2014 |
सरस्वतीचन्द्र एक भारतीय हिन्दी धारावाहिक हैं, जिसका प्रसारण स्टार प्लस और दूरदर्शन नेशनल पर हुआ है। यह धारावाहिक 15 फरवरी 2013 से शुरू होकर 20 सितम्बर 2014 तक चला। इसमें गौतम रोड़े और जेनिफर विंगेट मुख्य किरदार में हैं।[1]
कहानी
[संपादित करें]सरस्वतीचन्द्र लक्ष्मीनन्दन व्यास उर्फ सरस (गौतम रोड़े) एक अमीर नौजवान है। उसके पिता उसकी शादी अपने एक मित्र विद्यामतचूर की बेटी कुमुद (जेनिफर विंगेट) के साथ तय कर देते हैं। लेकिन सरस्वतीचन्द्र शादी से मना कर देता है। सरस्वतीचन्द्र कुमुद को पत्र लिखकर यह बात कहता है लेकिन कुमुद यह बात उसे स्वयं कहने बोलती है। सरस्वतीचन्द्र दुबई से भारत आ जाता है और उसके परिवार के साथ घुलने मिलने लगता है ताकि वह इस बात को बता सके। लेकिन इसी दौरान दोनों एक दूसरे से प्यार करने लगते हैं।
सरस की सौतेली माँ, गुमान (मोनिका बेदी) को जब ये बात पता चलती है कि सरस शादी के लिए तैयार है तो ये बात उसे बिल्कुल पसंद नहीं आती है, क्योंकि वो कुमुद और उसके परिवार से नफरत करती है। वो बाप-बेटे के बीच झगड़ा कराने के लिए सरस की माँ के द्वारा लिखा हुआ पत्र सरस के सामान के साथ रख देती है। जब सरस को वो पत्र मिलता है तो उसे पता चलता है कि उसकी माँ ने उसके पिता और गुमान के चक्कर के कारण ख़ुदकुशी की थी। टूटा हुआ सरस अपने पिता से झगड़ा कर घर छोड़ कर चले जाता है। सरस को लगता है कि अब वो अमीर पिता का बेटा नहीं है, तो वो कैसे कुमुद का ख्याल रख पाएगा और इसी कारण वो शादी से भी मना कर देता है।
शादी से इंकार के बाद कुमुद का दिल टूट जाता है और परिवार वालों के मान को बचाने के लिए उसे मजबूरी में प्रमादन धर्माधिकारी उर्फ प्रमाद (अंशुल त्रिवेदी) से शादी करनी पड़ती है। शादी के बाद कुमुद को पता चलता है कि प्रमाद एक अव्वल दर्जे का शराबी है और उसने मजबूरी में उससे शादी की है। वो कुमुद के साथ बहुत ही गलत तरीके से बर्ताव करते रहता है, पर कुमुद उसे रुक कर बदलने का फैसला करती है।
सरस को अपनी गलती का एहसास होता है और वो उसकी शादी प्रमाद से रोकने की कोशिश करने आता है, पर रास्ते में कुछ गुंडे उसकी पिटाई करते हैं और मरने के लिए छोड़ कर चले जाते हैं। प्रमाद की बहन रास्ते में सरस को देखती है और उसे अपने घर ले आती है। जब उसे होश आता है तो वो कुमुद और प्रमाद के अत्याचारों के बारे में उसे पता चलता है। वो अपने आप से वादा करता है कि वो प्रमाद को बदल कर एक अच्छा इंसान बनाएगा और कुमुद के साथ मिलाएगा।
बुद्धिधन धर्माधिकारी (साई बल्लाल) अपने बेटे, प्रमाद के काम से परेशान रहता है और वो सरस (जो अपने आप को नवीनचन्द्र बताता है) को अपना सेक्रेटरी बना लेता है। इससे प्रमाद जल-भून जाता है। उसे लगता है कि उसके पिता उससे ज्यादा सरस से प्यार करते हैं। कुमुद को जब पता चलता है कि सरस ने किस कारण शादी से इंकार किया था, तो वो उसे माफ कर देती है। इसी के साथ वो उससे दूर जाने को भी कहती है, क्योंकि वो प्रमाद द्वारा उसका लगातार अपमान करना नहीं देख सकती है। सरस उससे कहता है कि वो जब तक उसे और प्रमाद को मिला नहीं देता, तब तक वो उसके जिंदगी से नहीं जाएगा।
प्रमाद एक दिन कुमुद को जान से मारने की कोशिश करता है और इसके बाद वो उससे अलग हो जाती है और सरस से शादी कर लेती है। कुमुद की बहन, कुसुम (शिनी दोषी) सरस के सौतेले भाई, डैनी से शादी कर लेती है। सरस को अपने एक छोटे भाई, कबीर का पता चलता है, जो गुमान के कहने पर देसाई और व्यास परिवार को तबाह करने का काम करते रहता है। कबीर को जब सारी सच्चाई पता चलती है तो वो व्यास परिवार के साथ फिर से एक नई जिंदगी शुरू करता है। कुमुद को सरस की माँ भी मिल जाती है, जो अभी भी जीवित है, लेकिन अपनी याददाश्त खो चुकी है। कुमुद की मदद से वो अपनी याददाश्त वापस पा जाती है और अपने परिवार से वापस मिल जाती है। कहानी के अंत में दिखाया जाता है कि सरस और कुमुद की एक संतान होती है, जिसका नाम संस्कृति सरस्वतीचन्द्र व्यास रखते हैं।
कलाकार
[संपादित करें]- मुख्य
- गौतम रोड़े — सरस्वतीचन्द्र लक्ष्मीनन्दन व्यास
- जेनिफर विंगेट — कुमुद देसाई
- अन्य
- वरुण कपूर — डैनी व्यास, सरस और कबीर का छोटा सौतेला भाई, कुसुम का पति
- आशीष कपूर — कबीर व्यास, सरस का बिछड़ा छोटा भाई, अनुष्का का पति
- सृष्टि रोड़े — अनुष्का व्यास, कबीर की पत्नी
- अंशुल त्रिवेदी — प्रमादन धर्माधिकारी, कुमुद का पूर्व मंगेतर
- चेतन पंडित — लक्ष्मीनंदन व्यास, सरस, कबीर और डैनी के पिता
- मोनिका बेदी — गुमान कौर व्यास, सरस और कबीर की सौतेली माँ और डैनी की माँ
- वाहबिज दोराबजी - अलक किशोरी धर्माधिकारी - प्रमद की बहन, इंद्रेश की पत्नी (2013)
- विनीता जोशी ठक्कर — कुमारी
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 7 मार्च 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 23 जुलाई 2015.
बाहरी कड़ियाँ
[संपादित करें]- लेख जिनमें सितंबर 2014 से प्रसंग की आवश्यकता है
- लेख जिनकी सितंबर 2014 से भूमिका ठीक नहीं है
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