विद्युतचुम्बकीय व्यतिकरण
विद्युतचुंबकीय व्यतिकरण (Electromagnetic interference या EMI) से तात्पर्य वाह्य स्रोत से उत्पन्न किसी ऐसे विक्षोभ (डिस्टर्बैंस) से है जो किसी विद्युत परिपथ के सामान्य कार्य को प्रभावित करे। इसे रेडियो-आवृत्ति व्यतिकरण (RFI) भी कहते हैं। विद्युतचुम्बकीय विकिरण दो रूपों में हो सकता है - विद्युतचुम्बकीय प्रेरण और विद्युतचुम्बकीय विकिरण। ऐसे विक्षोभ से परिपथ का कार्य थोड़ा बहुत प्रभावित हो सकता है या कभी-कभी पूरी तरह बिगड़ जाता है। विद्युतचुम्बकीय व्यतिकरण का स्रोत कोई भी प्राकृतिक या कृत्रिम वस्तु हो सकती है जिसमें तेजी से बदलने वाली विद्युत-धारा प्रवाहित हो रही हो।
विद्युतचुंबकीय व्यतिकरण का उपयोग (जानबूझकर) रेडियो संबाधन (radio jamming) के लिये किया जा सकता है जैसा कि कुछ प्रकार के एलेक्ट्रानिक युद्धों में किया जाता है। किन्तु यह अधिकांशतः अनभिप्रेत (unintentional) होता है। किसी कार के पास से गुजरने या बिजली चमकने पर एएम रेडियो में आने वाली घर्घराहट वास्तव में विद्युतचुम्बकीय व्यतिकरण के कारण ही होता है। इससे सेल फोन, एफएम रेडियो और दूरदर्शन भी प्रभावित होते हैं, किन्तु अपेक्षाकृत कम मात्रा में।
व्यतिकरण और रव (noise)
[संपादित करें]यद्यपि व्यतिकरण और रव दोनो ही उपयोगी संकेत के लिये अनावश्यक विक्षोभ हैं, फिर भी दोनों अलग-अलग हैं। दोनों की प्रकृति अलग है। व्यतिकरण एक वाह्य स्रोत से होता है जिसे हटाने पर व्यतिकरण हट जाता है। उपयुक्त उपाय करके इसे कम भी किया जा सकता है। किन्तु किसी युक्ति या तंत्र का रव उसके अपने अन्दर से उत्पन्न होता है। रव बिल्कुल ही यादृच्छ प्रकृति का होता है जबकि विद्युतचुम्बकीय व्यतिकरण की प्रकृति (आवृति, आयाम आदि) स्रोत में प्रवाहित संकेत के आवृत्ति, आयाम आदि से जुड़ी होती है।
बाहरी कड़ियाँ
[संपादित करें]- ARRL, RFI
- Interference Handbook
- EMC Design Fundamentals
- Introduction to EMC
- Clemson's EMC Page (EMI Tools and Information)
- Interference Technology Magazine
- EMC Tutorials
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