आँखों में तुम हो
आँखों में तुम हो | |
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आँखों में तुम हो का पोस्टर | |
निर्देशक | आशिम एस सामंत |
लेखक | शब्द कुमार |
निर्माता | शक्ति सामंत |
अभिनेता |
शरद कपूर, सुमन रंगनाथन, रोहित रॉय |
संगीतकार | अनु मलिक |
प्रदर्शन तिथियाँ |
26 दिसंबर, 1997 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
आँखों में तुम हो 1997 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। यह आशिम सामंत द्वारा निर्देशित और उनके पिता शक्ति सामंत द्वारा निर्मित है। इसे एक साथ बंगाली में अचेना अतिथि के नाम से निर्मित किया गया था। इसमें शरद कपूर, सुमन रंगनाथन और रोहित रॉय मुख्य भूमिका में हैं। यह फिल्म आज अशोक कुमार की आखिरी फिल्म होने के लिए जानी जाती है।[1]
कहानी
[संपादित करें]यह कहानी प्रेम, पूजा, प्रताप और रंजीत की है। पूजा से प्रेम बहुत ही ज्यादा प्यार करते रहता है, लेकिन प्रेम के पारिवारिक भविष्यवक्ता के कहने के अनुसार अगर पूजा की शादी प्रेम से होती है तो प्रेम की अकाल मृत्यु हो जाएगी। इस कारण प्रेम के दादाजी इस शादी के खिलाफ रहते हैं। वे इस बात को पूजा से कहते हैं और उसे प्रेम की जिंदगी से हमेशा के लिए दूर जाने बोलते हैं। पूजा उनकी बात मान कर प्रेम को छोड़ कर चले जाती है और प्रताप से शादी कर लेती है।
प्रताप एक बहुत ही प्रसिद्ध व्यापारी है और अपनी पत्नी, पूजा से बहुत प्यार भी करता है। प्रताप की माँ, रानीमाँ को दिल की बीमारी है। प्रताप और पूजा के स्विट्ज़रलैंड में हनीमून के दिन ही प्रताप की एक दुर्घटना में मौत हो जाती है। चूंकि रानीमाँ को दिल की बीमारी है, इस कारण पूजा ये बात उन्हें नहीं बताती है। एक दिन दुर्गा पूजा के दौरान, पूजा की नजर प्रताप पर पड़ती है, जो असल में उसका हमशक्ल होता है। रानीमाँ को रंजीत मार देता है और इस हत्या को होते पूजा देख लेती है। पूजा इस कारण रंजीत को गोली मार देती है, पर वो गोली मामाबाबू के सिने में लग जाती है।
रंजीत पूलिस को बुला कर पूजा के खिलाफ बयान देता है कि उसी ने रानीमाँ और मामाबाबू को मारा है। सारे सबूत पूजा के खिलाफ मिलने के बाद पुलिस उसे गिरफ्तार कर लेती है। यह मामला न्यायालय में आता है और उसका वकील प्रेम बन जाता है। वह अदालत में साबित कर देता है कि पूजा बेगुनाह है और रंजीत ही असल हत्यारा है। इसके बाद अंत में दिखाया जाता है कि पूजा और प्रेम की शादी हो रही है।
कलाकार
[संपादित करें]- सुमन रंगनाथन – पूजा प्रताप बर्मन / पूजा प्रेम कपूर
- शरद कपूर – प्रताप बर्मन / रंजीत बर्मन
- रोहित रॉय – प्रेम कपूर
- अशोक कुमार – कपूर
- राखी गुलज़ार – रानीमाँ
- सत्येन्द्र कपूर – गुप्ता, सरकारी वकील
- राम मोहन – डॉक्टर
- प्रमोद मुथु – मोहन
- रविशंकर – पूजा के पिता
- अनुराग – रमेश
संगीत
[संपादित करें]सभी गीत आनंद बख्शी द्वारा लिखित; सारा संगीत अनु मलिक द्वारा रचित।
क्र॰ | शीर्षक | गायक | अवधि |
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1. | "हम कहे ना कहे" | कुमार शानू, अनुराधा पौडवाल | 6:57 |
2. | "आँखों में तुम हो" | कुमार शानू, अलका यागनिक | 4:56 |
3. | "मैंने सावन से कहा" | कुमार शानू | 5:49 |
4. | "मेरी आँखों में" | अनुराधा पौडवाल | 5:30 |
5. | "हर एक मुस्कुराहट" | अलका यागनिक | 5:41 |
6. | "सब कहते है" | अनुराधा पौडवाल | 5:13 |
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ "10-20 साल नहीं, इन पांच सितारों ने दशकों तक बॉलीवुड पर किया राज, नहीं दे पाया कोई टक्कर, ढेर हो गए नए स्टार". News18 हिंदी. 1 अक्टूबर 2023. अभिगमन तिथि 5 फरवरी 2024.