लोसार
लोसार | |
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समुदाय | तिब्बती भुटानी, योल्मो शेर्पा, तामाङ, गुरुङ, भुटिय, केही अन्य हिमालवासी |
प्रकार | सांस्कृतिक, बौद्ध |
मानाएल | वार्षिक |
समबन्ध | चिनियाँ नयाँ वर्ष, जापानी नयाँ वर्ष, मङ्गोलियन नयाँ वर्ष, कोरियाली नयाँ वर्ष, भियतनामी नयाँ वर्ष |
लोसार (Tib:ལོ་གསར།, Wylie: Lo gsar), अन्य नाम: लोसर, ल्योसार या ल्होसार, विशेषत: तिब्बती, नेपालको शेर्पा, गुरुङ आ तामाङ जातीके नयाँ वर्षक रुपमे मनावल नेपालक एक मुख्य पर्व छी । लोसार बौद्ध धर्म अनुयायी तामाङ्ग, शेर्पा, गुरुङ, थकाली आदि जाती महत्वपूर्ण पर्वक रूपमे मनावैत अछि। ई पर्व नेपालक विभिन्न जातजाती, धर्मालम्वी खासकरै मंगोल मूलक कुछ प्रजातिसभ धुमधामक साथ मनावैत अछि। यद्यपि पहिलेके समयमे नेपालमे बसोबास कएल सब जाती ई पर्व मनावल लगल अछि। लोसार पर्वक लेल नेपालमे सार्वजनिक विदा देइत अछि।
अर्थ
[सम्पादन करी]लोसार दुइ शब्द मिल बनल अछि। जेकर अर्थ तिब्बती आ तिब्बती संग सम्बन्धित शेर्पा, भुटानी, योल्मो, डोल्पाली इत्यादि भाषाहरूमा लो अर्थात वर्ष या साल होइत अछि माने सारक अर्थ नया होइत अछि। तहिना लोसारको अर्थ 'नया वर्ष या नयाँ साल कहैत । लोसार मनावैत समुदाय बौद्ध ज्योतिष शास्त्रमे उल्लेख भ अनुसार 'लो' अर्थात वर्षके १.ज्यिवा, २.लअङ्, ३.ताग, ४.योस, ५.ड्रुग्, ६.ड्रुल्, ७.त, ८.लुग, ९.ट्रेल्, १०.ज्य, ११.ख्यी, १२.फग[[१]] क बाह्रटा जीवजन्तुक नाम दऽ गनैत आ उक्त बाह्र वर्षसमाप्त भेला पछा फेर उही नाम दोहोर्याएर वर्ष अछि। जा लागल पुरानो बर्षक विदाई करै के लेल लोसार आवैसे पहिले २/३ दिन पहिलसँ लामासभ आमन्त्रणकऽ भव्य पूजा करैत अछि।
पृष्ठभूमि
[सम्पादन करी]नेपालमे लोसार मनावल प्रचलन चिनिया“ सभ्यतासँ तिब्बत होइत भित्रि करवाक अनुमान कएल गेल अछि।
प्रकार
[सम्पादन करी]अपन देशमे मुख्यतः तीन प्रकारक लोसार मनावल जाइत अछि :
- तमु ल्होसार
- सोनाम ल्होसार
- ग्याल्बो ल्होसार
तमू ल्होसार
[सम्पादन करी]मुख्य लेख: तमु लोसार तमु (तोला) लोसार मुलतः गुरुङ जाति मनावैत अछि । ई पुस महिना १५ या १६ गते परैत अछि। लोसारक दिनसँ पहिल साँझसँ नै एकरा मनावल सुरू करैत अछि। साँझ पूजापाठ, भोजभत्तेर, नाचगान कऽ आधा रातमे 'वर्ष आएल' कहैत नया वर्षक स्वागत करैत अछि। लोसारक दिन बिहानसँ नै ढोग-भेट, आशीष आदानप्रदान करैत नाता कुटुम्बके बोलाएर भोज खुवाएर बडो धुमधामका साथ मनावैत अछि।
सोनाम ल्होसार
[सम्पादन करी]मुख्य लेख: सोनाम लोसार 'सोनाम लोसार कहई ह्योल्मो आ तामाङ्ग जाति मनावैत अछि । ई माघे संक्रान्तिक लगल परैत अछि। घर-आँगन लिपपोत कऽ, नहाइधोवाई शुद्ध भऽ पूजा करैत ई पर्व मनावल जाइत अछि । सकई वाला लामा पुरोहितसँग, नै सकैवाला घरक मुलीसँ पूजापाठ करैत अछि। गहुँ आटा आकाशतर्फ उडाक देवताक विजय आ भुतप्रेतको पराजय होस् कहैत कामना करैत अछि। मान्यजनसँ आशीर्वाद लेइत बाबरी रोटी, फूलौरा, कन्दमूल आदि खाँइत रमावैत अछि ।
ग्याल्पो ल्होसार
[सम्पादन करी]मूल लेख: ग्याल्पो ल्होसार
ग्याल्पो ल्होसार शेर्पा समुदायल मनावैत अछि । प्रायःजसो ई पर्व फागुन महिनामे परैत अछि। ई पर्वमे नौ थोक अन्नक खोले बनाक एक दोसर के बोलाक खुवावैत अछि। ल्होसारक दिन नया कपडा लगावैत, पानी धारामे जा नागक पूजा कैर। ओ पानी ल्याक घरक देवताके चढावैत अछि। खा , एक दोसरक घरमे जा नाचगान करैत तरिकासँ ल्होसार मनावैत अछि ।