परवाणू
परवाणू Parwanoo | |
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टिम्बर ट्रेल, परवाणू | |
निर्देशांक: 30°50′17″N 76°57′32″E / 30.838°N 76.959°Eनिर्देशांक: 30°50′17″N 76°57′32″E / 30.838°N 76.959°E | |
देश | भारत |
प्रान्त | हिमाचल प्रदेश |
ज़िला | सोलन ज़िला |
जनसंख्या (2011) | |
• कुल | 8,758 |
भाषा | |
• प्रचलित | पहाड़ी, हिन्दी |
समय मण्डल | भामस (यूटीसी+5:30) |
पिनकोड | 173220 |
दूरभाष कोड | 01792 |
परवाणू (Parwanoo) भारत के हिमाचल प्रदेश राज्य के सोलन ज़िले में स्थित एक नगर है। यह चंडीगढ़ से शिमला जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग 5 पर हरियाणा के पंचकुला ज़िले से सटा हुआ है। परवाणू को हरियाणा के कालका व पिंजोर से मात्र एक नदी ही विभाजित करती है। वास्तविकता में पिंजोर, कालका व परवाणू लगभग मिले-जुले से ही हैं। परवाणू एक औद्योगिक नगर है।[1][2]
आवागमन
[संपादित करें]परवाणू चंडीगढ़-शिमला मार्ग पर स्थित है। चंडीगढ़ से इसकी दूरी लगभग ३५ किमी, पंचकूला से २० किमी है। कसौली के लिये यहां से एक अलग रास्ता भी है, जिससे बिना धर्मपुर की तरफ जाए कसौली पंहुच सकते हैं। विश्व धरोहर कालका शिमला रेलवे भी यहाँ से निकलता है। रेलवे स्टेशन का नाम टकसाल है।
जनसंख्या
[संपादित करें]२००१ की जनगणना के अनुसार परवाणू की जनसंख्या 8609 थी। पुरुष - 61%, महिलाएं - 39%। साक्षरता दर - 73%, जो कि राष्ट्रीय औसत 59.5% से अधिक है। : पुरुष साक्षरता दर 74% व महिला साक्षरता दर 71% है। 12% जनसंख्या 6 वर्ष से कम आयु की है।
पर्यटन
[संपादित करें]परवाणू मुख्यतः टिम्बर ट्रेल के लिये प्रसिद्ध है जो कि शिमला मार्ग पर है। यहां पर्यटक रज्जु मार्ग (रोप-वे, केबल कार) पर यात्रा का आनंद उठा सकते हैं। शिमला मार्ग पर ही ढल्ली मीट के अचार के लिये प्रसिद्ध है।
विवरण
[संपादित करें]शिवालिक रेंज में फैले इस शहर को लगभग 4 किमी के दायरे में 6 अलग-अलग क्षेत्रों में विभाजित किया गया है।सेक्टर 1 ए, 4 और 6 पूरी तरह से आवासीय हैं 1, 2, 3 और 5, आवासीय क्षेत्रों के साथ औद्योगिक भी हैं। परवाणू मूल रूप से एक औद्योगिक शहर है जिसमें लगभग 80% स्थानीय आबादी उद्योगों से जुड़ी हुई है। यह HPMC की सबसे बड़ी फल प्रसंस्करण इकाई का घर है और यहाँ पर HP Agro Industries की एक मवेशी चारा इकाई और एक कीटनाशक बनाने की इकाई है। इसमें एक बड़ा ईएसआई अस्पताल भी है। प्रमुख होटल शिवालिक व्यू, विंडसूर और शेल्ली हैं। चंडीगढ़ और पंचकुला की निकटता का लाभ लेने के लिए सरकार ने औद्योगिक क्षेत्रों की स्थापना की और प्रोत्साहन दिया जिसमें कई लघु इकाइयों को यहां अपनी इकाई स्थापित करने के लिए आमंत्रित किया। प्रोत्साहन में करों से छूट और मौजूदा परियोजनाओं के विस्तार के लिए वित्तीय प्रोत्साहन शामिल हैं।
शिक्षण संस्थान
[संपादित करें]कस्बे के विभिन्न स्कूल हैं:
- आयशर स्कूल
- आनंद स्कूल
- डीएवी पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल
- नेशनल पब्लिक स्कूल
- लोटस स्कूल
इन्हें भी देखें
[संपादित करें]सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ "Himachal Pradesh, Development Report, State Development Report Series, Planning Commission of India, Academic Foundation, 2005, ISBN 9788171884452
- ↑ "Himachal Pradesh District Factbook," RK Thukral, Datanet India Pvt Ltd, 2017, ISBN 9789380590448